Friday, March 4, 2011

झांसीवाली रानी..........................

छिनी राजधनी देहली की, लिया लखनउफ बातों-बात,



छिनी राजधनी देहली की, लिया लखनउफ बातों-बात,
कैद पेशवा था बिठूर में, हुआ नागपुर का भी घात,
उदैपुर, तंजोर, सतारा, करनाटक की कौन बिसात,
जबकि सिंध,पंजाब,ब्रह्म पर अभी हुआ था वज्र निपात,
बंगाले,मद्रास आदि की
भी तो यही कहानी थी।
बुन्देले हरबोलों के मुंह
हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो
झांसीवाली रानी थी।

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